मध्य प्रदेश के रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में जुलाई 2026 से चीते छोड़े जाने की तैयारी शुरू हो गई है। हाल ही में खजुराहो में हुई मोहन कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व को चीता पुनर्वास योजना में शामिल कर लिया गया है, जिसके तहत अगले वर्ष यहां चीते बसाए जाएंगे। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद टाइगर रिजर्व को चीतों के अनुकूल बनाने का काम तेज कर दिया गया है।
यह कदम बुंदेलखंड के विकास की दिशा में एक नया महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ने जा रहा है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार वन संरक्षण, पर्यटन वृद्धि और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए लगातार काम कर रही है। चीता पुनर्वास परियोजना न केवल जैव विविधता को समृद्ध करेगी, बल्कि रोजगार और पर्यटन के नए अवसर भी प्रदान करेगी। सागर, दमोह, छतरपुर और नरसिंहपुर जिलों में फैला रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व अब देश के उन चुनिंदा वन क्षेत्रों में शामिल हो रहा है, जहां चीता पुनर्वास कार्यक्रम लागू होगा।
रिजर्व के DFO डॉ. ए.ए. अंसारी ने जानकारी दी कि चीता परियोजना के लिए विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। इसमें क्वारंटीन एरिया, मॉनिटरिंग सिस्टम, ट्रैकिंग सुविधाएँ और प्रशिक्षित टीम शामिल होगी। परियोजना शुरू होने के बाद रोजगार और पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय लोगों के लिए गाइडिंग, पर्यटन सेवाओं और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में नए अवसर बनेंगे, साथ ही होटल-रिसॉर्ट जैसे निवेश भी बढ़ेंगे। इससे क्षेत्र की पहचान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत होगी।